Everything about hindi kahani story
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hindi kahani for kids
विचित्र हथियार भाग १ बच्चो! बात बहुत पुरानी नहीं है। रजतपुर नाम का एक राज्य था। उसका राजा रजपति था। रजपति बड़ा ही धर्मात्मा और प्रजा-पालक था। उसके राज्य में सुख की वर्षा हो रही थी। कोई भूखा-प्यासा ...
व्यक्ति एवं परिवार के सम्बन्धों को लेकर कहानियों की रचना की। इस कहानीकार ने
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प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना हुई इसके पश्चात् अनेक कहानी लेखक इससे जुड़े
यह आधुनिकता मात्र नगरों और कस्बों तक ही सीमित नहीं है अपितु इस धीरे-धीरे
शेर, ऊँट, सियार और कौवा : पंचतंत्र की कहानी
मैं अमीर नहीं हूँ। बहुत कुछ समझदार भी नहीं हूँ। पर मैं परले दरजे का माँसाहारी हूँ। मैं रोज़ जंगल को जाता हूँ और एक-आध हिरन को मार लाता हूँ। यही मेरा रोज़मर्रा का काम है। मेरे घर में रुपये-पैसे की कमी नहीं। मुझे कोई फ़िकर भी नहीं। इसी सबब से हर रोज़ मैं निज़ाम शाह
है', मनहर चौहान की 'घर धुसरा', रामकुमार भ्रमर
खरगोश, तीतर और खरगोश : पंचतंत्र की कहानी
प्रेमचन्द युगीन कहानिकारों में श्री सुदर्शन का नाम भी बड़े आदर से लिया जाता है।
'क्यों बिरजू की माँ, नाच देखने नहीं जाएगी क्या?' बिरजू की माँ शकरकंद उबाल कर बैठी मन-ही-मन कुढ़ रही थी अपने आँगन में। सात साल का लड़का बिरजू शकरकंद के बदले तमाचे खा कर आँगन में लोट-पोट कर सारी देह में मिट्टी मल रहा था। चंपिया के सिर भी चुड़ैल मँडरा फणीश्वरनाथ रेणु
बुद्धिमानों की कहानियाँ वर्तमान की कहानियाँ का पुरातन स्वरूप थीं, जिन्हें लोग बड़े
इन्दुमती अपने बूढ़े पिता के साथ विंध्याचल के घने जंगल में रहती थी। जबसे उसके पिता वहाँ पर कुटी बनाकर रहने लगे, तब से वह बराबर उन्हीं के साथ रही; न जंगल के बाहर निकली, न किसी दूसरे का मुँह देख सकी। उसकी अवस्था चार-पाँच वर्ष की थी जबकि उसकी माता का परलोकवास किशोरीलाल गोस्वामी
संधि-विग्रह/ककोलूकियम (कौवे और उल्लुओं की कथा)